- यदि परिवार के बुज़ुर्गों के विरोध के कारण वह विवाह करने का वादा नहीं निभा पाया तो उसे बलात्कार का दोषी ठहराना गलत होगा : कलकत्ता हाईकोर्टby PRASHANT V. TAYADEकलकत्ता हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोप से एक व्यक्ति को यह कहते हुए बरी कर दिया कि बलात्कार के अपराध के लिए किसी को दंडित करना उस परिस्थिति में गलतContinue reading “यदि परिवार के बुज़ुर्गों के विरोध के कारण वह विवाह करने का वादा नहीं निभा पाया तो उसे बलात्कार का दोषी ठहराना गलत होगा : कलकत्ता हाईकोर्ट”
- यदि गवाही भरोसेमंद है तो केवल पीड़िता की गवाही के आधार पर बलात्कार के आरोपी को दोषी ठहराया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट ने दोहरायाby PRASHANT V. TAYADEसुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि बलात्कार के आरोपी को केवल पीड़िता/अभियोक्ता (prosecuterix) की गवाही के आधार पर दोषी ठहराया जा सकता है, लेकिन यह गवाही विश्वसनीय और भरोसेमंद होनी चाहिए।Continue reading “यदि गवाही भरोसेमंद है तो केवल पीड़िता की गवाही के आधार पर बलात्कार के आरोपी को दोषी ठहराया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया”
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पीड़िता को यौन संबंधों की आदत होना, रेप के आरोप में बचाव का वैध आधार नहींby PRASHANT V. TAYADEसुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बलात्कार की शिकार महिला को सेक्स की आदत है, तो भी ये तथ्य बलात्कार के कृत्य के लिए वैध बचाव नहीं हो सकता है।Continue reading “सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पीड़िता को यौन संबंधों की आदत होना, रेप के आरोप में बचाव का वैध आधार नहीं”
- “केवल पुरुष को दोषी ठहराने का कोई कारण नहीं”: कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि ‘स्वैच्छिक यौन संबंध’ पोक्सो कानून को आकर्षित नहीं करेगाby PRASHANT V. TAYADEकलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि यौन संबंधों का स्वैच्छिक कृत्य पोक्सो कानून, 2012 को आकर्षित नहीं करेगा। जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य ने कहा, यदि संबंध की प्रकृति सहभागिता की हैContinue reading ““केवल पुरुष को दोषी ठहराने का कोई कारण नहीं”: कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि ‘स्वैच्छिक यौन संबंध’ पोक्सो कानून को आकर्षित नहीं करेगा”
- पति का पत्नी के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ सेक्स करना अवैध नहीं: मुंबई कोर्ट ने जमानत याचिका में कहाby PRASHANT V. TAYADEपत्नी ने अपने पति के खिलाफ जबरन संभोग की शिकायत की थी और क्रूरता का आरोप लगाया था, जिस पर मुंबई की एक सेशन कोर्ट ने कहा है कि व्यक्तिContinue reading “पति का पत्नी के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ सेक्स करना अवैध नहीं: मुंबई कोर्ट ने जमानत याचिका में कहा”
- पीड़िता की जांघों के बीच किया गया पेनेट्रेटिव सेक्सुअल एक्ट IPC की धारा 375(c) के तहत परिभाषित ‘बलात्कार’ के समान: केरल हाईकोर्टby PRASHANT V. TAYADEकेरल हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब पीड़ित के शरीर को ऐसी सनसनी पैदा करने के लिए छेड़ा जाता है, जो पेनेट्रेशन (पेनेट्रेशन ऑफ एन ऑरफिस यानि एक छिद्रContinue reading “पीड़िता की जांघों के बीच किया गया पेनेट्रेटिव सेक्सुअल एक्ट IPC की धारा 375(c) के तहत परिभाषित ‘बलात्कार’ के समान: केरल हाईकोर्ट”






