सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपराधिक मामले में आरोपी को समन करना एक गंभीर मामला है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि आपराधिक कानून को निश्चित रूप से गति में नहीं लाया जा सकता है और मजिस्ट्रेट को समन का आदेश देते समय आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामलेContinueContinue reading “आरोपी को समन करना गंभीर मामला; मजिस्ट्रेट को प्रथम दृष्टया मामले में संतुष्टि दर्ज करनी होगी: सुप्रीम कोर्ट”
Author Archives: PRASHANT V. TAYADE
जहां महिला रहती है, उसी स्थान पर कर सकती है आईपीसी की धारा 498ए के तहत शिकायत, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाज़त
सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498ए के तहत दायर शिकायतों पर विचार करने वाली अदालतों के अधिकार क्षेत्र के संबंध में अपने विचार फिर से दोहराए हैं। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला को उसकी शिकायत उस स्थान पर अदालत में दायर करने की अनुमति दे दी है, जहां वह निवास करContinueContinue reading “जहां महिला रहती है, उसी स्थान पर कर सकती है आईपीसी की धारा 498ए के तहत शिकायत, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाज़त”
धारा 156 (3) के तहत जांच का आदेश देने से पहले शिकायतकर्ता की जांच करने की आवश्यकता नहीं है : सुप्रीम कोर्ट
प्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत पुलिस जांच का आदेश देने से पहले आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 200 के तहत शिकायतकर्ता की शपथ पर जांच करने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसा मानते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा पारित उसContinueContinue reading “धारा 156 (3) के तहत जांच का आदेश देने से पहले शिकायतकर्ता की जांच करने की आवश्यकता नहीं है : सुप्रीम कोर्ट”
गोद लेने से जैविक पिता के साथ रिश्ता खत्म नहीं होताः मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल में दिए गए फैसले में एक नाबालिग लड़की के जन्म प्रमाण पत्र में मृतक जैविक पिता के नाम की जगह दत्तक पिता का नाम डालने से इनकार कर दिया। दत्तक पिता लड़की की जैविक मां का दूसरा पति है। अदालत किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धाराContinueContinue reading “गोद लेने से जैविक पिता के साथ रिश्ता खत्म नहीं होताः मद्रास हाईकोर्ट”
