न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने हाल ही में बैंक को धोखा देने और संपत्ति का बेईमान से वितरण को प्रेरित करने के आपराधिक साजिश से संबंधित एक मामले में कहा है कि केवल इसलिए कि कुछ अन्य व्यक्ति जिन्होंने अपराध किया हो, लेकिन उन्हें आरोपी के रूप में नहीं रखाContinueContinue reading “सह-आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल न होना, आरोपी के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने का आधार नहीं हो सकता, जिसके खिलाफ जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई: सुप्रीम कोर्ट”
Author Archives: PRASHANT V. TAYADE
8 LANDMARK JUDGMENTS WHERE FATHER WINS CHILD CUSTODY
Mridangra J. Hira Lal Suchak V. Neena M Suchak Civil Appeal No 69 of 1980, Supreme Court reported in 1 (1983) D.M.C. page 360. In this case, father was given custody of child mother gets visitation. Ms. Kala Aggarwal V Suraj Prakash Aggarwal & ORS. Crl. Writ No 248 of 1991, Delhi High Court reportedContinueContinue reading “8 LANDMARK JUDGMENTS WHERE FATHER WINS CHILD CUSTODY”
शादी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है
भारत में शादियां अनेक तरह से होती है जिसमें हिंदू विवाह मुस्लिम विवाह ईसाई विवाह और स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोर्ट मैरिज। यह ध्यान देना चाहिए कि कोर्ट मैरिज सिर्फ स्पेशल मैरिज एक्ट, 1955 के तहत होती है किसी नोटरी पर कोर्ट मैरिज नहीं होती है और इस आलेख में भी कोर्ट मैरिज केContinueContinue reading “शादी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है”
बरी करने के आदेश को तभी पलटा जा सकता है जब ट्रायल कोर्ट का दृष्टिकोण न केवल गलत हो, बल्कि अनुचित और विकृत भी हो” : सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट द्वारा ट्रायल कोर्ट के बरी करने के आदेश को पलटने के मामले में, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि बरी करने की अनुमति तभी दी जा सकती है जब ट्रायल कोर्ट का दृष्टिकोण न केवल गलत हो, बल्कि अनुचित और विकृत भी हो। न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठContinueContinue reading “बरी करने के आदेश को तभी पलटा जा सकता है जब ट्रायल कोर्ट का दृष्टिकोण न केवल गलत हो, बल्कि अनुचित और विकृत भी हो” : सुप्रीम कोर्ट”
