बॉम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा के एक मामले को मेट्रोपॉलिटन कोर्ट से फैमिली कोर्ट में स्थानांतरित करने के एक पति के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने कहा है कि दोनों मामले अनिवार्य रूप से “सामान्य और जुड़े प्रश्नों” को जन्म देंगे। पति पर घरेलू हिंसा का मामला पत्नी ने दर्ज कराया है।ContinueContinue reading “घरेलू हिंसा का मामला तलाक के मामले के साथ सुनवाई के लिए फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर किया जा सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट”
Author Archives: PRASHANT V. TAYADE
यदि परिवार के बुज़ुर्गों के विरोध के कारण वह विवाह करने का वादा नहीं निभा पाया तो उसे बलात्कार का दोषी ठहराना गलत होगा : कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोप से एक व्यक्ति को यह कहते हुए बरी कर दिया कि बलात्कार के अपराध के लिए किसी को दंडित करना उस परिस्थिति में गलत होगा, जब यदि बाद के कुछ घटनाक्रम के कारण शादी करने का वादा पूरा नहीं हो पाया। जैसे परिवार के बुजुर्गों ने विवाह का विरोधContinueContinue reading “यदि परिवार के बुज़ुर्गों के विरोध के कारण वह विवाह करने का वादा नहीं निभा पाया तो उसे बलात्कार का दोषी ठहराना गलत होगा : कलकत्ता हाईकोर्ट”
भरण-पोषणः राजस्थान हाईकोर्ट का निर्णय, मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत हर महीने की चूक के लिए एक महीने तक की कैद अलग-अलग सजा सुनाने का अधिकार
राजस्थान हाईकोर्ट ने माना है कि एक मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के आदेश का पालन न करने पर अलग-अलग सजा सुनाने का अधिकार है, और इस तरह की सजा हर महीने की चूक के लिए एक-एक महीने की कैद तक हो सकती है। जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस मनोज कुमारContinueContinue reading “भरण-पोषणः राजस्थान हाईकोर्ट का निर्णय, मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत हर महीने की चूक के लिए एक महीने तक की कैद अलग-अलग सजा सुनाने का अधिकार”
मृत दामाद पर ‘ निर्भर ‘सास द्वारा दायर मोटर दुर्घटना दावा याचिका सुनवाई योग्य है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपने मृत दामाद पर निर्भर सास द्वारा दायर मोटर दुर्घटना दावा याचिका सुनवाई योग्य है। जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा, “भारतीय समाज में सास का बुढ़ापे में अपनी बेटी और दामाद के साथ रहना और उसके भरण-पोषण के लिए अपने दामाद पर निर्भरContinueContinue reading “मृत दामाद पर ‘ निर्भर ‘सास द्वारा दायर मोटर दुर्घटना दावा याचिका सुनवाई योग्य है : सुप्रीम कोर्ट”
