रेप : शादी करने के वादे से पैदा होने वाली गलतफहमी घटना के समय के करीब होनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में शादी के बहाने एक महिला से बलात्कार के आरोपी शख्स को बरी करते हुए कहा कि शादी करने के वादे से पैदा होने वाली गलतफहमी घटना के समय के करीब होती है और इसे समय की एक सचेत सकारात्मक कार्रवाई के साथ विरोध ना करने के लिए लंबे समयContinueContinue reading “रेप : शादी करने के वादे से पैदा होने वाली गलतफहमी घटना के समय के करीब होनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट”

केशवानंद भारती मामले से जुड़े 50 रोचक तथ्य

केशवानंद भारती श्रीपादगलवरु एंड अन्य बनाम केरल राज्य एंड अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय इतिहास की एक ऐसी घटना है जो कल्पना से परे है। ऐसा कहा जाता है कि इस निर्णय ने भारत के संविधान की रक्षा की और भारत में अधिनायकवादी शासन या एक दलीय सरकार के शासन को आने सेContinueContinue reading “केशवानंद भारती मामले से जुड़े 50 रोचक तथ्य”

जानिए सिविल मुक़दमे कहां दायर किए जा सकते हैं?

सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 15 से 20 मुकदमा दाखिल करने के स्थान एवं निर्धारित मंच/न्यायालय से संबंधित है। न्यायालय का अधिकार-क्षेत्र: अधिकार-क्षेत्र एक न्यायालय की किसी मुक़दमे को सुनने और निर्धारित करने की न्यायिक शक्ति है। अधिकार-क्षेत्र मुख्य रूप से के आधार पर निम्न तीन विषयों पर तय किया जाता है: (1) मुक़दमे काContinueContinue reading “जानिए सिविल मुक़दमे कहां दायर किए जा सकते हैं?”

आईपीसी 498 ए के केस में ट्रायल के बाद पति बरी हो चुका है तो वह क्रूरता के आधार पर तलाक मांग सकता है : सुप्रीम कोर्ट.

जब कोई व्यक्ति उस मुकदमे से गुज़रता है जिसमें वह आईपीसी की धारा 498-ए के तहत अपराध के आरोप से बरी हो जाता है तो यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि पति पर कोई क्रूरता नहीं हुई है।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब पति भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए केContinueContinue reading “आईपीसी 498 ए के केस में ट्रायल के बाद पति बरी हो चुका है तो वह क्रूरता के आधार पर तलाक मांग सकता है : सुप्रीम कोर्ट.”

Design a site like this with WordPress.com
Get started