यदि जमानत आदेश में कारणों का अभाव है तो अभियोजन या शिकायतकर्ता इसे ऊंची अदालतों के समक्ष चुनौती दे सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यदि जमानत देने का आदेश प्रासंगिक कारण रहित है तो वह अभियोजन या शिकायतकर्ता को ऊंचे मंच पर इसका विरोध करने का अधिकार देगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हालांकि जमानत देते समय विस्तृत कारणों को निर्दिष्ट करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन किसी भी तर्क से रहित कोईContinue reading "यदि जमानत आदेश में कारणों का अभाव है तो अभियोजन या शिकायतकर्ता इसे ऊंची अदालतों के समक्ष चुनौती दे सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट"

धारा 397 आईपीसी : पीड़ित के मन में डर या आशंका पैदा करने के लिए खुले तौर पर हथियार लहराना या दिखाना अपराध का गठन करने के लिए पर्याप्त : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पीड़ित के मन में डर या आशंका पैदा करने के लिए अपराधी द्वारा खुले तौर पर हथियार लहराना या दिखाना आईपीसी की धारा 397 के तहत अपराध का गठन करने के लिए पर्याप्त है। सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ मध्य प्रदेश हाईकोर्टContinue reading "धारा 397 आईपीसी : पीड़ित के मन में डर या आशंका पैदा करने के लिए खुले तौर पर हथियार लहराना या दिखाना अपराध का गठन करने के लिए पर्याप्त : सुप्रीम कोर्ट"

यदि हस्ताक्षर से इनकार नहीं किया जाता है तो दस्तावेज के लेखक की जांच की आवश्यकता नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

प्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर को दिए एक फैसले में कहा है कि किसी दस्तावेज के लेखक की परीक्षा की आवश्यकता नहीं है, अगर उन्होंने दस्तावेज पर अपने हस्ताक्षर से इनकार नहीं किया था, लेकिन केवल उसके निष्पादन में दबाव का दलील दी थी। कोर्ट ने फैसले में कहा, "हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यहContinue reading "यदि हस्ताक्षर से इनकार नहीं किया जाता है तो दस्तावेज के लेखक की जांच की आवश्यकता नहीं है: सुप्रीम कोर्ट"

सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते समय एफआईआर/शिकायत में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता या सच्चाई की जांच नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए एक हाईकोर्ट एफआईआर/ शिकायत में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता या वास्तविकता के बारे में कोई जांच शुरू नहीं कर सकता है। जस्टिस एमआर शाह और बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा, धारा 482 सीआरपीसीContinue reading "सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते समय एफआईआर/शिकायत में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता या सच्चाई की जांच नहीं की जा सकती: सुप्रीम कोर्ट"

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