इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में माना है कि आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर होने के बाद भी अग्रिम जमानत दी जा सकती है। यह निर्णय न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की एकल पीठ ने,8 दिसंबर को, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक लॉ स्टूडेंट आदिल की तरफ से दायर की गई प्री-अरेस्ट जमानत याचिका पर सुनवाई के बादContinue reading "चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी दी जा सकती है अग्रिम जमानतः इलाहाबाद हाईकोर्ट"
भारतीय दंड संहिता (IPC) भाग 13 : झूठी गवाही देने और सबूत मिटाने के अपराध
मिथ्या साक्ष्य न्यायिक प्रक्रिया को शुद्ध रखना किसी भी राज्य का परम कर्तव्य है। मिथ्या साक्ष्य न्यायिक प्रक्रिया को दूषित कर देते हैं यदि इस प्रकार का साक्ष्य दिया जाता है या गढ़ा जाता है तो निसंदेह ही इस प्रकार का साक्ष्य किसी भी न्यायिक कार्यवाही को बर्बाद कर देगा। इससे दोषी व्यक्ति बच जाएंगेContinue reading "भारतीय दंड संहिता (IPC) भाग 13 : झूठी गवाही देने और सबूत मिटाने के अपराध"
ट्रांजिट रिमांड क्या होता है? जानिए क्या है कानूनी प्रावधान
ट्रांजिट रिमांड रिमांड की परिभाषा जिसे हिंदी में हिरासत कहा जाता है दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत प्राप्त होती है। दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 41 के अंतर्गत पुलिस किसी व्यक्ति को कब गिरफ्तार कर सकती है इसका उल्लेख किया गया है। कोई व्यक्ति वारंट के बिना पुलिस द्वारा संज्ञेय मामले की परिस्थितिContinue reading "ट्रांजिट रिमांड क्या होता है? जानिए क्या है कानूनी प्रावधान"
भारत में अश्लीलता पर क्या कहता है कानून?
अश्लीलता- भारत की गुनाहों की किताब आई पी सी की धारा 292 अश्लीलता शब्द का मतलब बताती है। इस दफ़ा में अश्लीलता उसे माना गया है जिसमे कुछ ऐसा हो जिससे लोगों की सेक्स को लेकर भावना भड़क जाए या फिर जिसे देखकर सेक्स करने का मन करने लगे। अगर कुछ भी ऐसा किसी किताबContinue reading "भारत में अश्लीलता पर क्या कहता है कानून?"
