चार्जशीट स्वीकार करते समय मजिस्ट्रेट को हमेशा समन की प्रक्रिया जारी करनी होती है न कि गिरफ्तारी वारंट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोप पत्र स्वीकार करते समय मजिस्ट्रेट या कोर्ट को हमेशा समन की प्रक्रिया जारी करनी होती है न कि गिरफ्तारी का वारंट। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम सुंदरेश की पीठ ने यह भी कहा कि यदि किसी गैर-जमानती अपराध के आरोपी को कई वर्षों तक छोड़ा और मुक्तContinueContinue reading “चार्जशीट स्वीकार करते समय मजिस्ट्रेट को हमेशा समन की प्रक्रिया जारी करनी होती है न कि गिरफ्तारी वारंट”

चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी दी जा सकती है अग्रिम जमानतः इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में माना है कि आपराधिक मामले में चार्जशीट दायर होने के बाद भी अग्रिम जमानत दी जा सकती है। यह निर्णय न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की एकल पीठ ने,8 दिसंबर को, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक लॉ स्टूडेंट आदिल की तरफ से दायर की गई प्री-अरेस्ट जमानत याचिका पर सुनवाई के बादContinueContinue reading “चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी दी जा सकती है अग्रिम जमानतः इलाहाबाद हाईकोर्ट”

SUPREME COURT DIRECTION ON ARREST

In view of the increasing incidence of violence and torture in custody, the Supreme Court ofIndia (in D.K.Basu vs. State of West Bengal (1997) AIR 1997 SC 610) has laid down 11specific requirements and procedures that the police and other agencies have to follow for the arrest, detention, and interrogation of any person.These are:1. PoliceContinueContinue reading “SUPREME COURT DIRECTION ON ARREST”

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