राजस्थान हाईकोर्ट ने माना है कि एक मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के आदेश का पालन न करने पर अलग-अलग सजा सुनाने का अधिकार है, और इस तरह की सजा हर महीने की चूक के लिए एक-एक महीने की कैद तक हो सकती है। जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस मनोज कुमारContinueContinue reading “भरण-पोषणः राजस्थान हाईकोर्ट का निर्णय, मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत हर महीने की चूक के लिए एक महीने तक की कैद अलग-अलग सजा सुनाने का अधिकार”
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मृत दामाद पर ‘ निर्भर ‘सास द्वारा दायर मोटर दुर्घटना दावा याचिका सुनवाई योग्य है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपने मृत दामाद पर निर्भर सास द्वारा दायर मोटर दुर्घटना दावा याचिका सुनवाई योग्य है। जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा, “भारतीय समाज में सास का बुढ़ापे में अपनी बेटी और दामाद के साथ रहना और उसके भरण-पोषण के लिए अपने दामाद पर निर्भरContinueContinue reading “मृत दामाद पर ‘ निर्भर ‘सास द्वारा दायर मोटर दुर्घटना दावा याचिका सुनवाई योग्य है : सुप्रीम कोर्ट”
सेवानिवृत्ति के समय मौजूद नियमों पर ही पेंशन निर्धारित की जाएगी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्ति पर किसी कर्मचारी को देय पेंशन सेवानिवृत्ति के समय मौजूद नियमों पर निर्धारित की जाएगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि कानून नियोक्ता को समान रूप से स्थित व्यक्तियों के संबंध में नियमों को अलग तरीके से लागू करने की अनुमति नहीं देता है। वर्तमान मामले में जस्टिसContinueContinue reading “सेवानिवृत्ति के समय मौजूद नियमों पर ही पेंशन निर्धारित की जाएगी: सुप्रीम कोर्ट”
CAN LAWYERS BE GAZETTED OFFICERS.
Publishing names in gazette is completely a government authorized one. With these the government publishing the promotion, new appointments of some government employee. If someone’s name published in the Gazette then that person is called gazetted. The government classifies the employees into different categories such as Group A, B, C, Group A is categorized asContinueContinue reading “CAN LAWYERS BE GAZETTED OFFICERS.”
