धारा 138 एनआई एक्ट: आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच एक बार भुगतान समझौते होने पर शिकायत को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायत पर आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच एक बार भुगतान समझौता (सेटलमेंट एग्रीमेंट) होने के बाद आगे की कार्रवाई नहीं की जा सकती है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि भुगतान समझौतेContinueContinue reading “धारा 138 एनआई एक्ट: आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच एक बार भुगतान समझौते होने पर शिकायत को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट”

निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 भाग 11 : अभिकरण (एजेंसी) किस प्रकार निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स लिख सकती है (धारा 27)

परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 (Negotiable Instruments Act, 1881) जो तीन प्रकार के लिखत विनिमय पत्र, वचन पत्र, और चेक का उल्लेख करता है उनमे इस अधिनियम में लिखत के पक्षकारों और उनकी सक्षमता के साथ ही एक अभिकरण द्वारा लिखत लिखे जाने संबंधी प्रावधान भी उपलब्ध है। इस आलेख के अंतर्गत इस प्रकार से अभिकरणContinueContinue reading “निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 भाग 11 : अभिकरण (एजेंसी) किस प्रकार निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स लिख सकती है (धारा 27)”

जानिए अदालत में चेक बाउंस केस लगाने की पूरी प्रक्रिया

निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 की धारा 138 चेक बाउंस का केस निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 की धारा 138 के अंतर्गत संस्थित किया जाता है। जिस भी समय चेक प्राप्त करने वाला व्यक्ति खुद को भुगतान किए गए रुपए नकद या अपने बैंक खाते में प्राप्त करना चाहता है तो निर्धारित दिनांक को बैंक में चेकContinueContinue reading “जानिए अदालत में चेक बाउंस केस लगाने की पूरी प्रक्रिया”

Design a site like this with WordPress.com
Get started