- किशोर न्याय अधिनियम : किशोर न्याय बोर्ड या बाल कल्याण समिति द्वारा जो उम्र दर्ज की गई है, वही आरोपी की सही उम्र मानी जाएगीby PRASHANT V. TAYADEसुप्रीम कोर्ट ने माना है कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के उद्देश्य के लिए, किशोर न्याय बोर्ड या बाल कल्याण समिति द्वारा उसके सामने लाए गए व्यक्ति की जो उम्रContinue reading “किशोर न्याय अधिनियम : किशोर न्याय बोर्ड या बाल कल्याण समिति द्वारा जो उम्र दर्ज की गई है, वही आरोपी की सही उम्र मानी जाएगी”
- SC: ORDER WHERE CUSTODY OF CHILD OBTAINED VIA FRAUDULENT CONDUCT BE NULLIFIEDby PRASHANT V. TAYADEJustice Uday Umesh Lalit, Justice Hemant Gupta and Justice Ajay Rastogi of the Supreme Court noted that the father had obtained an order for custody of the child through fraudulentContinue reading “SC: ORDER WHERE CUSTODY OF CHILD OBTAINED VIA FRAUDULENT CONDUCT BE NULLIFIED”
- “केवल पुरुष को दोषी ठहराने का कोई कारण नहीं”: कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि ‘स्वैच्छिक यौन संबंध’ पोक्सो कानून को आकर्षित नहीं करेगाby PRASHANT V. TAYADEकलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि यौन संबंधों का स्वैच्छिक कृत्य पोक्सो कानून, 2012 को आकर्षित नहीं करेगा। जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य ने कहा, यदि संबंध की प्रकृति सहभागिता की हैContinue reading ““केवल पुरुष को दोषी ठहराने का कोई कारण नहीं”: कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि ‘स्वैच्छिक यौन संबंध’ पोक्सो कानून को आकर्षित नहीं करेगा”
- पीड़िता की जांघों के बीच किया गया पेनेट्रेटिव सेक्सुअल एक्ट IPC की धारा 375(c) के तहत परिभाषित ‘बलात्कार’ के समान: केरल हाईकोर्टby PRASHANT V. TAYADEकेरल हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब पीड़ित के शरीर को ऐसी सनसनी पैदा करने के लिए छेड़ा जाता है, जो पेनेट्रेशन (पेनेट्रेशन ऑफ एन ऑरफिस यानि एक छिद्रContinue reading “पीड़िता की जांघों के बीच किया गया पेनेट्रेटिव सेक्सुअल एक्ट IPC की धारा 375(c) के तहत परिभाषित ‘बलात्कार’ के समान: केरल हाईकोर्ट”
- अजीब परिस्थितियां’: आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच मध्यस्थता समझौता, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बलात्कार का मामला’ रद्द कियाby PRASHANT V. TAYADEसुप्रीम कोर्ट ने आरोपी और शिकायतकर्ता (अभियोक्ता) के बीच हुए मध्यस्थता समझौते को ध्यान में रखते हुए बलात्कार के एक मामले को खारिज कर दिया है। इस मामले में लड़कीContinue reading “अजीब परिस्थितियां’: आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच मध्यस्थता समझौता, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बलात्कार का मामला’ रद्द किया”
- शादी का हवाला देकर केरल हाईकोर्ट द्वारा POCSO केस रद्द करने के फैसले वापस लेने का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कियाby PRASHANT V. TAYADEसुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न आरोपियों के खिलाफ बलात्कार और बाल यौन उत्पीड़न के आरोपों को रद्द करने के अपने पहले के फैसले को वापस लेने के केरल उच्च न्यायालय केContinue reading “शादी का हवाला देकर केरल हाईकोर्ट द्वारा POCSO केस रद्द करने के फैसले वापस लेने का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया”






