- पक्षकार यदि एक ही घर में साथ नहीं रहते हैं तो उनके बीच घरेलू हिंसा की शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है, पढ़िए सुप्रीम कोर्ट का फैसलाby PRASHANT V. TAYADEसुप्रीम कोर्ट ने एक महिला द्वारा दायर घरेलू हिंसा की शिकायत को खारिज कर दिया है। महिला ने उन लोगों पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था जो उसके साथContinue reading “पक्षकार यदि एक ही घर में साथ नहीं रहते हैं तो उनके बीच घरेलू हिंसा की शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है, पढ़िए सुप्रीम कोर्ट का फैसला”
- सीआरपीसी की धारा 125- सिर्फ इसलिए कि मां भी कमा रही है, पिता को बच्चों के भरण-पोषण से छूट नहींः दिल्ली हाईकोर्टby PRASHANT V. TAYADEदिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जिन घरों में महिलाएं भी नौकरी कर रही हैं और पर्याप्त रूप से अपना भरण-पोषण करने में सक्षम हैं, वहां पति अपने बच्चों कोContinue reading “सीआरपीसी की धारा 125- सिर्फ इसलिए कि मां भी कमा रही है, पिता को बच्चों के भरण-पोषण से छूट नहींः दिल्ली हाईकोर्ट”
- पत्नी भले ही अपना व्यवसाय करके कमाती हो, फिर भी है वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार : बॉम्बे हाईकोर्टby PRASHANT V. TAYADEबॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में पुणे के एक 51 वर्षीय व्यक्ति की तरफ से दायर आपराधिक पुनरीक्षण आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि भले ही पत्नी अपना व्यवसायContinue reading “पत्नी भले ही अपना व्यवसाय करके कमाती हो, फिर भी है वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार : बॉम्बे हाईकोर्ट”
- जहां महिला रहती है, उसी स्थान पर कर सकती है आईपीसी की धारा 498ए के तहत शिकायत, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाज़तby PRASHANT V. TAYADEसुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498ए के तहत दायर शिकायतों पर विचार करने वाली अदालतों के अधिकार क्षेत्र के संबंध में अपने विचार फिर से दोहराए हैं। इसी केContinue reading “जहां महिला रहती है, उसी स्थान पर कर सकती है आईपीसी की धारा 498ए के तहत शिकायत, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाज़त”
- HMA: RELIEF IN TERMS OF DIVORCE ETC ONLY BETWEEN HUSBAND AND WIFE; NO EXTENSION TO THIRD PARTYby PRASHANT V. TAYADEJustice M. R. Shah and Justice A. S. Bopanna of the top court observed that the Hindu Marriage Act provisions are for relief in terms of divorce etc between husbandContinue reading “HMA: RELIEF IN TERMS OF DIVORCE ETC ONLY BETWEEN HUSBAND AND WIFE; NO EXTENSION TO THIRD PARTY”
- साक्ष्य अधिनियम की धारा 113ए के तहत विवाहित महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के अनुमान को आकर्षित करने की शर्तें: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कियाby PRASHANT V. TAYADEसुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि साक्ष्य अधिनियम की धारा 113-ए की प्रयोज्यता को आकर्षित करने के लिए, तीन शर्तों को पूरा करना आवश्यक है: 1. महिला ने आत्महत्या कीContinue reading “साक्ष्य अधिनियम की धारा 113ए के तहत विवाहित महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के अनुमान को आकर्षित करने की शर्तें: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया”






